बच्चों की अपनी दुनिया होती है.
उनकी दुनिया में प्रेम और सत्य का राज्य होता है.
बच्चों की दुनिया मैं आइये, इस राज्य मैं आप का स्वागत है.
आज के बच्चे कल एक उन्नत भारत का निर्माण करेंगे. क्या आप कह सकते हैं कि आप अपने बच्चों का आदर्श बन पाये हैं?
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good Work
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Jimmy said... Friday, November 14, 2008
bahut sunder bal divas pr
regards
makrand said... Sunday, November 16, 2008
बच्चे कितने भोले होते हैं? यह गुरु जन क्या आदर्श बनेंगे इनके?
Anonymous said... Tuesday, November 18, 2008
बहुत खूब आपका मेरे ब्लॉग पर स्वागत है
प्रदीप मानोरिया said... Thursday, November 20, 2008
बहुत बढ़िया
Aadarsh Rathore said... Thursday, November 20, 2008
बाल दिवस तो गया. अब एक साल बाद बात करेंगे फ़िर से बाल-गोपाल की.
Anonymous said... Wednesday, December 17, 2008
वाह दादा वाह.... बचपना साथ-साथ... मज़ा आ गया..
योगेन्द्र मौदगिल said... Sunday, December 21, 2008
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